Hari Naam Nahi To Jeena Kya Lyrics

हरि नाम नहीं तो जीना क्या लिरिक्स

Hari Naam Nahi To Jeena Kya Lyrics

अमृत है हरी नाम जगत में
इसे छोड़ विषय विष पीना क्या

हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में

इसे छोड़ विषय रस पीना क्या
काल सदा अपने रस डोले

ना जाने कब सर चढ़ बोले
हर का नाम जपो निसवासर

इसमें अब बरस महीना क्या
हरी नाम नहीं तो जीना क्या

अमृत है हरी नाम जगत में
इसे छोड़ विषय रस पीना क्या

तीरथ है हरी नाम तुम्हारा
फिर क्यूँ फिरता मारा मारा

अंत समय हरी नाम ना आवै
फिर काशी और मदीना क्या

हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में

इसे छोड़ विषय रस पीना क्या
भूषण से सब अंग सजावै

रसना पर हरी नाम ना लावे
देह पड़ी रह जावे यहीं पर

फिर कुंडल और नगीना क्या
हरी नाम नहीं तो जीना क्या

अमृत है हरी नाम जगत में
इसे छोड़ विषय रस पीना क्या

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