Mulri Wale Krishan Kanhaya
Mulri Wale Krishan Kanhaya
मोह माया का छोड़ के चक्कर, भक्ति में रम जाऊं रे
मुरली वाले कृष्ण कन्हैया, तेरे ही गुण गाऊ रे
बेटा तो मेरे इतने अच्छे, दुख सुख की ना पूछे रे
मेरे पीछे हवन कराएं, मैं क्या देखने आऊ रे
मुरली वाले कृष्ण कन्हैया तेरे ही गुण गाऊ रे
बेटी तो मेरी इतनी अच्छी, कभी ना मिलने आती है
मेरे मरने पै रुदन मचाए, मैं क्या देखने आऊ रे,
मुरली वाले कृष्ण कन्हैया, तेरे ही गुण गाऊ रे
बहुऐ तो मेरी इतनी अच्छी, कभी ना पैर दबाती हैं
मेरे मरने पर श्राद्ध करें, तो मैं क्या देखने आऊ रे
मुरली वाले कृष्ण कन्हैया, तेरे ही गुण गाऊ रे
पोते तो मेरे इतने अच्छे कभी ना हाथ पकड़ते हैं
मेरे मरने पर कांधा देते मैं क्या देखने आऊ रे
मुरली वाले कृष्ण कन्हैया तेरे ही गुण गाऊ रे
भैया तो मेरे इतने अच्छे कभी ना साड़ी दिलाते हैं
मेरे मरने मे चुदर ऊढ़ावे मैं क्या देखने आऊ रे
मुरली वाले कृष्ण कन्हैया तेरे ही गुण गाऊ रे
साजन तो मेरे इतने अच्छे कभी ना तीरथ कराते हैं
मरने के बाद में गंगा नहावे मैं क्या देखने आऊ रे
मुरली वाले कृष्ण कन्हैया तेरे ही गुण गाऊ रे