Top 10 Krishna Bhajan Lyrics कृष्ण भजन

सांवली सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया 

सांवली सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया

सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया 

दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया 

एक तो तेरे नैन तिरछे, दूसरा काजल लगा ।

तीसरा नज़रें मिलाना, दिल दीवाना हो गया ॥

एक तो तेरे होंठ पतले, दूसरा लाली लगी ।

तीसरा तेरा मुस्कुराना, दिल दीवाना हो गया ॥

एक तो तेरे हाथ कोमल, दूसरा मेहँदी लगी ।

तीसरा मुरली बजाना, दिल दीवाना हो गया ॥

एक तो तेरे पाँव नाज़ुक, दूसरा पायल बंधी 

तीसरा घुंगरू बजाना, दिल दीवाना हो गया

एक तो तेरे भोग छप्पन, दूसरा माखन धरा 

तीसरा खिचडे का खाना, दिल दीवाना हो गया

एक तो तेरे साथ राधा दूसरा रुक्मण खड़ी 

तीसरा मीरा का आना, दिल दीवाना हो गया 

एक तो तुम देवता हो, दूसरा प्रियतम मेरे 

तीसरा सपनों में आना, दिल दीवाना हो गया 

Krishna Bhajan Lyrics  छोटी छोटी गैयाँ, छोटे छोटे ग्वाल    

 छोटी छोटी गैयाँ, छोटे छोटे ग्वाल 

छोटी छोटी गैयाँ, छोटे छोटे ग्वाल

छोटो सो मेरो मदन गोपाल

छोटी छोटी गैयाँ, छोटे छोटे ग्वाल

छोटो सो मेरो मदन गोपाल

आगे आगे गैयाँ पीछे पीछे ग्वाल

बीच मैं है मेरो मदन गोपाल

छोटी छोटी गैयाँ

घास खाए गैयाँ, दूध पीये ग्वाल

माखन मिसरी खाए मेरो मदन गोपाल

छोटी छोटी गैयाँ

काली काली गैयाँ, गोरे गोरे ग्वाल

श्याम वरन मेरो मदन गोपाल

छोटी छोटी गैयाँ

छोटी छोटी लाखुटी छोटे छोटे हाथ

बंसी बजावे मेरो मदन गोपाल

छोटी छोटी गैयाँ

छोटी छोटी सखियाँ मधुबन बाल

रास रचावे मेरो मदन गोपाल

छोटी छोटी गैयाँ

हे रे कन्हैया भजन

हे रे कन्हैया किसको कहेगा तू मैया

एक ने तुझको जन्म दिया है, 

एक ने तुझको पाला

मानी मान्यताएं और देवी देव पूजे, 

पीर सही देवकी ने

दूध में नहलाने का गोद में खिलाने का 

सुख पाया यशोदाजी ने

एक ने तुझको जन्म दिया हैं, 

एक ने जीवन संभाला

हे रे कन्हैया किसको कहेगा तू मैया

मरने के डर से भेज दिया दर से 

देवकी ने रे गोकुल में

बिना दिए जन्म यशोदा बनी माता 

तुझको छुपाया आँचल में

जन्म दिया हो चाहे पाला हो 

किसीने भेद यह ममता न जाने

कोई भी हो जिसने दिया हो प्यार 

माँ का मन तो माँ उसी को माने

एक ने तुझको दी हे रे आँखें

 एक ने दिया उजाला

हे रे कन्हैया किसको कहेगा तू मैया

माखन चोर – नन्द किशोर  भजन

माखन चोर , नन्द किशोर, 

मन मोहन, घनश्याम रे

कितने तेरे रूप रे कितने तेरे नाम रे

देवकी माँ ने जनम दिया और

 मैया यशोदा ने पाला

तू गोकुल का ग्वाला बिंद्रा 

बन गया बंसरी वाला

आज तेरी बंसी फिर बाजी 

मेरे मन के धाम रे

कितने तेरे रूप रे 

कितने तेरे नाम रे

माखन चोर , नन्द किशोर, 

मन मोहन, घनश्याम रे

कितने तेरे रूप रे कितने तेरे नाम रे

काली नाग के साथ लड़ा 

तू ज़ालिम कंस को मारा

बाल अवस्था में ही 

तुने खेला खेल ये सारा

तेरा बचपन तेरा जीवन 

जैसे एक संग्राम रे

कितने तेरे रूप रे 

कितने तेरे नाम रे

माखन चोर , नन्द किशोर, 

मन मोहन, घनश्याम रे

कितने तेरे रूप रे कितने तेरे नाम रे

तुने सब का चैन चुराया 

ओ चितचोर कन्हैया

जाने कब घर आए 

देखे राह यशोदा मैया

व्याकुल राधा ढूंढे श्याम न 

आया हो गई शाम रे

कितने तेरे रूप रे 

कितने तेरे नाम रे

माखन चोर , नन्द किशोर, 

मन मोहन, घनश्याम रे

कितने तेरे रूप रे कितने तेरे नाम रे

कभी राम बनके कभी श्याम बनके – भजन

कभी राम बनके कभी श्याम बनके 

चले आना प्रभुजी चले आना

तुम राम रूप में आना, 

तुम राम रूप में आना

सीता साथ लेके, धनुष हाथ लेके,

चले आना प्रभुजी चले आना

तुम श्याम रूप में आना, 

तुम श्याम रूप में आना,

राधा साथ लेके, मुरली हाथ लेके,

चले आना प्रभुजी चले आना

तुम शिव के रूप में आना, 

तुम शिव के रूप में आना

गौरा साथ लेके , डमरू हाथ लेके,

चले आना प्रभुजी चले आना

तुम विष्णु रूप में आना, 

तुम विष्णु रूप में आना,

लक्ष्मी साथ लेके, चक्र हाथ लेके,

चले आना प्रभुजी चले आना

तुम गणपति रूप में आना, 

तुम गणपति रूप में आना

रीधी साथ लेके, सीधी साथ लेके 

चले आना प्रभुजी चले आना

कभी राम बनके कभी श्याम 

बनके चले आना प्रभुजी चले आना

बड़ा नटखट है रे – भजन

बड़ा नटखट हे रे कृष्ण कन्हैया

का करे यशोदा मैया 

ढूंढे री अँखियाँ उसे चहुँ और

जाने कहाँ छुप गया नन्द किशोर

उड़ गया ऐसे जैसे पुरवैया..

का करे यशोदा मैया 

आ तोहे मैं गले से लगा लूँ

लागे न किसी की नज़र 

मन मे छुपा लूँ

धुप जगत है रे ममता है छैयाँ

का करे यशोदा मैया..

मेरे जीवन का तू एक ही सपना

जो कोई देखे तोहे समझे वो अपना

सब का है प्यारा, हो सब 

का प्यारा बंसी बजैया

का करे यशोदा मैया

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम – भजन

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम

लोग करें मीरा को यूँही बदनाम

सांवरे की बंसी को बजने से काम

राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम

जमुना की लहरें बंसी बजती सैयां

किसका नहीं है कहो कृष्ण कन्हैया

श्याम का दीवाना तो सारा ब्रिजधाम

लोग करें मीरा को यूँही बदनाम

सांवरे की बंसी को बजने से काम

राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम

कौन जाने बांसुरिया किसको बुलाये

जिसके मन भाए वो तो उसी के गुण गाए

कौन नहीं बंसी की धुन का गुलाम

राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम

लोग करें मीरा को यूँही बदनाम

Achyutam keshavam krishna 

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं

राम नारायणं जानकी बल्लभम ।

कौन कहता हे भगवान आते नहीं

तुम भक्त मीरा के जैसे बुलाते नहीं।

कौन कहता है भगवान खाते नहीं

बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं।

कौन कहता है भगवान सोते नहीं

माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं।

कौन कहता है भगवान नाचते नहीं

गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं।

नाम जपते चलो काम करते चलो

हर समय कृष्ण का ध्यान करते चलो।

याद आएगी उनको कभी ना कभी

कृष्ण दर्शन तो देंगे कभी ना कभी।

 meri lagi shyam sang preet duniya kya jaane

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने 

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने 

क्या जाने कोई क्या जाने 

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने 

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने 

छवि लगी मन श्याम की जब से 

भई बावरी मैं तो तब से 

बाँधी प्रेम की डोर मोहन से 

नाता तोड़ा मैंने जग से 

ये कैसी पागल प्रीत ये दुनिया क्या जाने 

ये कैसी निगोड़ी प्रीत ये दुनिया क्या जाने 

क्या जाने कोई क्या जाने 

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने 

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने 

मोहन की सुन्दर सूरतिया 

मन में बस गयी मोहनी मूरतिया 

जब से ओढ़ी शाम चुनरिया 

लोग कहे मैं भई बावरिया 

मैंने छोड़ी जग की रीत ये दुनिया क्या जाने 

क्या जाने कोई क्या जाने 

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने 

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने 

हर दम अब तो रहूँ मस्तानी 

लोक लाज दीनी बिसरानी 

रूप राशि अंग अंग समानी 

हे रत हे रत रहूँ दीवानी 

मई तो गाऊँ ख़ुशी के गीत ये दुनिया क्या जाने 

क्या जाने कोई क्या जाने 

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने 

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने 

मोहन ने ऐसी बंसी बजायी 

सब ने अपनी सुध बिसरायी 

गोप गोपिया भागी आई 

लोक लाज कुछ काम न आई 

फिर बाज उठा संगीत ये दुनिया क्या जाने 

क्या जाने कोई क्या जाने 

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने 

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने 

भूल गयी कही आना जाना 

जग सारा लागे बेगाना 

अब तो केवल शाम सुहाना 

रूठ जाये तो उन्हें मनाना 

अब होगी प्यार की जीत ये दुनिया क्या जाने 

क्या जाने कोई क्या जाने 

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने 

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने 

हम प्रेम नगर की बंजारन 

जप तप और साधन क्या जाने 

हम शाम के नाम की दीवानी 

नित नेम के बंधन क्या जाने 

हम बृज की भोली गंवारनिया 

ब्रह्म ज्ञान की उलझन क्या जाने 

ये प्रेम की बाते है उद्धव 

कोई क्या समझे कोई क्या जाने 

मेरे और मोहन की बातें 

या मै जानू या वो जाने 

क्या जाने कोई क्या जाने 

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने 

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने 

शाम तन शाम मन शाम हैं हमारो धन 

आठो याम पूछो हमें शाम ही सो काम हैं 

शाम हिये शाम पिए शाम बिन नाही जिए 

आंधें की सी लाकडी आधार शाम नाम है 

शाम गति शाम मति शाम ही हैं प्राणपति 

शाम सुख दायी सो भलाई आठो याम हैं 

उद्धव तुम भये बवरे पाथी ले के आये दोड़े 

हम योग कहा राखे यहाँ रोम रोम शाम है 

क्या जाने कोई क्या जाने 

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने 

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने 

बांके बिहारी की देख छटा

बांके बिहारी की देख छटा

मेरो मन है गयो लटा पटा।

कब से खोजूं बनवारी को

बनवारी को, गिरिधारी को

कोई बता दे उसका पता

मेरो मन है गयो लटा पटा॥

मोर मुकुट श्यामल तन धारी

कर मुरली अधरन सजी प्यारी।

कमर में बांदे पीला पटा

मेरो मन है गयो लटा पटा॥

पनिया भरन यमुना तट आई

बीच में मिल गए कृष्ण कन्हाई।

फोर दियो पानी को घटा

मेरो मन है गयो लटा पटा॥

टेडी नज़रें लत घुंघराली

मार रही मेरे दिल पे कटारी

और श्याम वरन जैसे कारी घटा

मेरो मन है गयो लटा पटा

मिलते हैं उसे बांके बिहारी

बांके बिहारी, सनेह बिहारी

राधे राधे जिस ने रटा

मेरो मन है गयो लटा पटा॥

yeh to prem ki baat hai udho 

यह तो प्रेम की बात है उधो,

बंदगी तेरे बस की नहीं है।

यहाँ सर देके होते सौदे,

आशकी इतनी सस्ती नहीं है॥

प्रेम वालों ने कब वक्त पूछा,

उनकी पूजा में सुन ले ए उधो।

यहाँ दम दम में होती है पूजा,

सर झुकाने की फुर्सत नहीं है॥

जो असल में हैं मस्ती में डूबे,

उन्हें क्या परवाह ज़िन्दगी की।

जो उतरती है चढ़ती है मस्ती,

वो हकीकत में मस्ती नहीं है॥

जिसकी नजरो में है श्याम प्यारे,

वो तो रहते हैं जग से न्यारे।

जिसकी नज़रों में मोहन समाये,

वो नज़र फिर तरसती नहीं है॥

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